नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ पूजन https://shivchalisalyricsinpunjab83607.blog-gold.com/36557681/the-fact-about-shiv-chalisa-lyrics-aarti-that-no-one-is-suggesting