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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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“शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए और मैं तुम्हें अपने सपनों में पुकारता हूँ। हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। Your browser isn’t supported anymore. Update it to find the finest YouTube https://youtu.be/Lug0ffByUck

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